खुद को तराशने की जुगत में रोज़ नई शुरुआत की योजनाएँ बनाता हूँ,,शुरुआत होती नही दिन निकलते जाते हैं! खैर मलाल नहीं है क्यूंकी तराशना संभव ना सही आधार तो है अपना!!!!तो चलिए अपने आधार को ही तलाशने की जुगत में लगते है आज से.......क्यूँ ठीक है ना???चियर्स...........